Ad Code

Responsive Advertisement

कुंती माता (कात्यायनी माता) मंदिर ओंकारेश्वर

कुंती माता (कात्यानी देवी) मँदिर 


कुंती माता मंदिर

-विरासत परिचय- एक परिचय हमारी प्राचीन धरोहर से

यह मांदिर मांधाता द्वीप पर ॐकारेश्वर मंदिर से पूर्व की और स्थित है । जहाँ से प्रातः काल सूर्य अपनी ललिमा लिये हुए स्पष्ट दिखाई देता है ।
यह मंदिर कभी भव्य रूप मे रहा होगा। यहा की देवी कुंती माता जिन्हें कात्यायनी देवी व दस भूजा देवी के नाम से भी जाना जाता है। जो कभी मुचकुद किले की प्राचिर का भव्य मंदिर था। आज भी इस मँदिर के भग्नावशेष मंदिर की सुन्दरता को प्रकट करते है। इस मंदिर के गर्भग्रह में माता कुंती की ऊची प्रतिमा स्थित है जो की अब खंडित हो चुकी है। जिसके चेहरे के हाव भाव चित्ताकर्षित है। माता के बडे बडे नयन प्रमुख आकर्षण का केन्द्र है। कुंती माता मंदिर के पिछे एक स्वेत विशाल वृक्ष है। जो आपनी सुन्दरता की आनन्त आभा लिए हुए है।
यह मंदिर पहले ओमकारेश्वर के प्राचीन परिक्रमा मार्ग
में था।
अब परिक्रमा मार्ग परिवर्तित कर दिया गया है अब कुछ ही भक्त या श्रद्धालु कुंती माता के दर्शनों के लिए इस मंदिर में पहुंच पाते हैं यह मंदिर चारों ओर निर्गुण की औषधीय पौधों से गिरा हुआ है इस मंदिर के उत्तर क्षेत्र में प्राचीन मंदिरों के अवशेष मिलते हैं इस मंदिर के पश्चिम क्षेत्र में सिद्धनाथ मंदिर उपस्थित है इस मंदिर के दक्षिण चोर में खाई के पास बिरखिला पर्वत उपस्थित है इस मंदिर के पूर्व छोर पर नर्मदा कावेरी संगम अरंडी संगम है जो बांध बनने के कारण पूर्ण रूप से जलमग्न है इस मंदिर की आभा आज भी मन आकर्षित करती है मन में प्रश्नों के हिलोरे उठते हैं इस मंदिर को किसने खंडित किया होगा क्यों खंडित किया होगा या तो हमारी कमजोरी है कि हम इस मंदिर की देखरेख ना कर सके हम अपनी भावी पीढ़ियों को विरासत का परिचय क्या इन भगना अवशेषों में देंगे ।
अगर विडियो अच्छा लगे तो हमारा पेज लाइक करे और चैनल subscribe करे ताकि हम और भी अधिक जानकारी आप तक पहुचा सके ।
subscribe our channel




धन्यवाद
विरासत परिचय जुडे़ हमारे पेंज से ---
like us facebook page for next videos
अगर आपके पास भी एसी कोई जानकारी हो तो हमसे साझा करे....

Post a Comment

0 Comments

Ad Code

Responsive Advertisement